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उम्मीद की कसौटी पर खरे उतर रहे महिला समूह

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महिला समूहों को वितरित किया गया रिकम्ड मिल्क व देशी घी
गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचायेगा योगी सरकार का दूध-घी
किशोर- किशोरियों को भी मिलेंगा योजना का लाभ
रामनरेश शर्मा
पूरनपुर-पीलीभीत। गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से दूर रखने के लिए सरकार बड़े कदम उठा रही हैं, इसके साथ ही महिलाओं को किस तरह अत्मनिर्भर बनाया जाये इसके लिए भी ग्राम पंचायत स्तर पर समूहों का गठन किया जा रहा हैं। खास बात यह हैं कि पंचायत स्तर पर गठित समूहों को योजनाओं का लाभ भी दिया जा रहा हैं।

पंचायतों में महिला समूह धरातल पर उतर चुके हैं, इस क्षेत्र में महिलाओं की धमक देखने को मिल रही हैं। पूरनपुर ब्लाक में चार सौ से अधिक महिला समूह काम कर रहे हैं। प्रदेश व केन्द्र सरकार की योजनाओं को गांव-गांव से डोर टू डोर पहुंचाया जाने लगा हैं। कोरोना काल में उभर कर आये महिला समूहों को कई तरह की जिम्मेदारियां दी गई हैं। प्राइमरी स्कलों में पढ़ने वाले बच्चों की ड्रेस सिलाई से लेकर मास्क बनाकर महिला समूह उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं, अब आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी इन्होंने दस्तक दी हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों से लाभांन्वित गर्भवती महिला, किशोरी व बच्चों को राशन पहुंचाने के लिए महिला समूहों को जिम्मेदारी दी गई हैं। पूरनपुर में एक सर्वे के अनुसार करीब 496 महिला समूह संगठित किये गए हैं और इनकी विभागीय पुष्टि हुई हैं। इनमें से करीब 335 महिला समूह उम्मीद से अच्छा काम कर रहे हैं और 161 समूह ऐसे भी हैं जो कछुआ गति से कार्यरत हैं। फिलहाल महिला समूह सरकारी योजनाओं को घर-घर पहुंचाने का जरिया बनते जा रहे हैं। महिला समूह को उन सभी योजनाओं में शामिल किया जा रहा है जो पंचायत तक पहुंच रही हैं। ड्राई राशन पहुंचाने के लिए महिला समूहों को चयनित किया गया और बैंकिंग सेवाओं के लिए भी महिला समूह में से किसी एक को सखी के रूप में काम करना होगा। महिला समूह की सखी मांग करने पर घर बैठे महिलाओं को नगदी उपलब्ध करायेगी। इसके अलावा सामुदायिक शौचालय में साफ सफाई की जिम्मेदारी भी महिला समूह ही सुनिश्चित करेंगा। स्वच्छकार महिला को इसके बदले में छह हजार रूपये प्रति माह मानदेय मिलने का प्रावधान हैं। यह मानदेय संबंधित ग्राम पंचायत से जारी होगा।
इंसेट-
दूध-घी की मात्रा और राशन प्रत्येक लाभांर्थी
ड्राई राशन वितरण योजना में में 6 माह से -3 वर्ष के बालक/बालिकाओं को एक किलो चावल, डेढ़ किलो गेंहू, 450 ग्राम देशी घी व दूध 400 ग्राम मिलना हैं। 3 से 6 वर्ष के लाभांर्थियों को एक किलो चावल, 400 ग्राम दूध व डेढ़ किलो गेंहू दिया जा रहा हैं। गर्भवति महिला व 11 से 14 साल की किशोरी को एक किलो चावल, दो किलो गेंहू, पौन किलो दाल व 450 ग्राम देशी घी के साथ 750 ग्राम मिल्क उपलब्ध कराया जा रहा हैं। गंभीर रूप से कुपोषित होने पर 6 माह से 3 वर्ष के बच्चों को डेढ़ किलो चावल, 0.5 किलो दाल व ढाई किलो गेंहू और 900 ग्राम देशी घी के साथ रिकम्ड मिल्क 750 ग्राम की मात्रा में दिया जा रहा हैं।
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