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भारत-नेपाल के रिश्तों को कलंकित कर रही नेपाली पुलिस, दो को गोली से उड़ाया

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तस्कर बताकर शव को खीच कर नेपाल ले गयी पुलिस, एक की हुई मौके पर मौत
सीमा पर पहुंचे एडीजी जोन बरली व डीएम-एसपी
हजारा-पीलीभीत । नेपाल लगातार उदण्ड़ता की सीमा लांघ रहा हैं और गुरूवार को नेपाली पुलिस ने कुकृत्य को अंजाम देते हुए भारतीय नागरिकों पर गोली चला कर इसका प्रमाण दिया हैं, सीमा पर नेपाली पुलिस ने मामूली बात पर एक भारतीय नागरिक को तस्कर बताकर गोली मार दी। गोली लगने से एक ग्रामीण घायल हैं। हालात खराब होने की सूचना पर बरेली एडीजी जोन समेत जिलाधिकारी पीलीभीत व पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और एसएसबी के साथ बैठक कर जायजा लिया।

गुरूवार को भारत-नेपाल बार्डर क्षेत्र में गन्ने की बुवाई के लिए गए चार भारतीयों को नेपाली पुलिस ने सुतिया नाले में नहाने के दौरान रोक लिया और गाली गलौज की। बात बढ़ी तो नेपाली पुलिस ने भारतीय मजदूरों पर बंदूकें तान दी और विरोध करने पर गोली मार दी। फाइरिंग में एक युवक की मौके पर मौत हो गयी जबकि एक अन्य घायल हैं। गोली चलते ही मजदूर जान बचाकर भागने लगे तो नेपाली पुलिस ने गोविन्द के शव को कब्जे में लेकर उसे तस्कर करार दिया। ग्राम पंचायत वमनपुरभागीरथ के मजरा भूदान टिल्ला नंबर 04 से गन्ना बुवाई के लिए गोविन्द पुत्र गुरवेग सिंह, गुरमेज सिंह पुत्र सुच्चा सिंह, रेश्म सिंह पुत्र मलकीत सिंह व पप्पू पुत्र मलकीत सिंह एक साथ गांव गए थे। नहाने के दौरान नेपाली पुलिस से कहासुनी हुई और मजदूरों पर फाइरिंग कर दी गयी। गोली लगने से पप्पू की हालत काफी नाजुक बतायी जा रही हैं और उसको संपूर्णानगर से लखनऊ रेफर किया गया हैं। वारदात काली पुलिया हुई हैं जो पहले भी सीमा को लेकर विवादित क्षेत्र रहा हैं। पिलर नंबर 38 व 39 के बीच हुई। नेपाली पुलिस ने गोविन्द पुत्र गुरवेग सिंह के शव को धनगढ़ी पोस्टमार्टम के लिए भेजा हैं। लाख प्रयास करने के बाद भी नेपाली पुलिस ने मृतक का शव नहीं दिया। सीमा पर गोलीबाजी की सूचना पर एडीजी बरेली जोन अविनाश चन्द्र मौके पर पहुंचे और जिलाधिकारी पुलकित खरे, एसपी जयप्रकाश, एसएसबी के सहायक कमांडेंट सुनील कुमार अहलावत की मौजूदगी में नेपाली डीएम रामकुमार महातव, जनपद कंचनपुर एस. पी,-उमाप्रसाद चतुर्वेदी, वीरेन्द्र नेपाली सीमा बल के अधिकारियों के साथ एसएसबी की कमलापुरी चौकी पर बैठक की। इसके अलावा पीलीभीत के कई थानों का पुलिस बल भी मौजूद रहा।

पहले भी भारतीय नागरिकों पर चली नेपाली गोली
भारत का सुभाव पड़ोसी देश नेपाल के लिए बड़े भाई की तरह रहा। लेकिन नेपाल भारतीयों के लिए कठोरात्मक कार्रवाई से पीछे नहीं रहा। छोटी से छोटी घटनाओं को लेकर आक्रमाक रूप एख्तियार किया और गोली चलाने से भी नहीं चूका। गांव वालों ने बताया इससे पहले भी वर्ष 2000 में मछली मारने को लेकर हुए झगड़े में शाहीसेना की फाइरिंग में कई लोग घायल हुए थे। कई बार पुलिस चौकी कम्बोजनगर में अनावश्यक रूप से भारतीय के नेपाल प्रवेश पर रोक लगाई गयी। वर्ष 2000 की घटना में टाटरगंज के दो लोगों को गोली माकर उनकी हत्या कर दी थी और उनके शव भी भारत को नहीं लौटाये।

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