मतगणना के बीच चुनावी सूचनाआें का रहा अभाव, रोष
1 min readना अनाउंस ना रुझान ही बने कई प्रधान, खुद बतायी जीत की कहानी
सूचना ना मिलने से लोगों में रही बेचैनी, विजई किसानों ने खुद को जीत का सिजरा
पूरनपुर-पीलीभीत बताया। त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में प्रशासन की एक के बाद एक लगातार खामियां सामने आती रहती हैं और लोगों को जानने के लिए घरों में तोड़-फोड़ होती रहती है। मतगणना शुरू होने के बाद मंडी परिसर में विजई नेताओं के नाम की घोषणा तक नहीं की गई जिससे मंडी के बाहर हजारों हजारों समर्थक बेचैन नजर आए। पूरनपुर में पंचायती चुनाव के परिणाम ना मिलने से कई बार लोगों ने आपको खोया और मंडी के अंदर हंगामा हुआ। अधिकारियों की लापरवाही का उदाहरण रहा कि उस शाम तक लोगों को विजेता नेताओं के नाम नहीं बताए गए।
पूरनपुर में पंचायती चुनाव पूरी तरह अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गए और अधिकारी मनमाने तरीके से काम करते नजर आए। सुबह से मंडी परिसर में जमा हजारों की संख्या में लोग अपनी-अपनी पंचायतों के रुझान जानने के लिए इधर उधर हाथ मारते देखे गए लेकिन उन्हें जवाब नहीं मिल सका। इस दौरान स्पष्ट बहुमत मिलने पर विजई प्रधान पद के उम्मीदवार मीडिया कर्मियों से मुखातिब हुए और स्वयं विजेता की जानकारी दी। पूरनपुर विकासखंड की 189 पंचायतों में से ग्राम पंचायत सुखदासपुर नवदिया में चमन बेगम पत्नी मुमताज खान नए प्रमुख पद पर जीत हासिल की। निजामपुर उर्फ लाह में छोटे लाल वर्मा प्रधान पद के लिए चुना गया। ग्राम पंचायत कोठिया गुदिया में परमजीत कौर प्रधान बने। ग्राम पंचायत अमरैया कला से प्रधान पद के लिए तीसरी बार डॉ सत्यपाल शर्मा 144 वोटों से विजई रहे। पुराना तालुक महाराजपुर ग्राम पंचायत में सत्यानंद प्रमुख चुना गया। ग्राम पंचायत महाराजपुर से अर्जुन मंडल को प्रमुख चुना गया है। ग्राम पंचायत रघुनाथपुर में बबलू पांडे ने प्रधान पद के लिए अच्छे मतों से जीत हासिल की। ग्राम पंचायत रुद्रपुर से लालता प्रसाद को प्रधान पद के लिए निर्वाचित किया गया है। मीनक बाहुल्य ग्राम पंचायत मुझा खुर्द में इशरत बेगम पत्नी इ तेज खान ने प्रधान पद पर कब्जा किया है। ग्राम पंचायत शाहबाजपुर में परमजीत सिंह ने 396 मतों से पूर्व प्रधान को राष्ट्रस्त करते हुए प्रधान पद हासिल किया है। ग्राम पंचायत बंजरिया में गुरदेव सिंह ने भारी मतों से जीत हासिल की है। सभी आंकड़े नेताओं ने मीडिया कर्मी के सामने बयां किए। हालांकि देर शाम तक मतगणना स्थल पर अधिकारी कुछ बताने की स्थिति में नहीं थे। इसको लेकर लोगों में भारी रोष देखा गया और प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए। निर्वाचन अधिकारी से लेकर स्थानीय अफसर भी मीडिया कर्मियों से बचते देखे गए। पद के लिए निर्वाचित किया गया है। मीनक बाहुल्य ग्राम पंचायत मुझा खुर्द में इशरत बेगम पत्नी इ तेज खान ने प्रधान पद पर कब्जा किया है। ग्राम पंचायत शाहबाजपुर में परमजीत सिंह ने 396 मतों से पूर्व प्रधान को राष्ट्रस्त करते हुए प्रधान पद हासिल किया है। ग्राम पंचायत बंजरिया में गुरदेव सिंह ने भारी मतों से जीत हासिल की है। सभी आंकड़े नेताओं ने मीडिया कर्मी के सामने बयां किए। हालांकि देर शाम तक मतगणना स्थल पर अधिकारी कुछ बताने की स्थिति में नहीं थे। इसको लेकर लोगों में भारी रोष देखा गया और प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए। निर्वाचन अधिकारी से लेकर स्थानीय अफसर भी मीडिया कर्मियों से बचते देखे गए। पद के लिए निर्वाचित किया गया है। मीनक बाहुल्य ग्राम पंचायत मुझा खुर्द में इशरत बेगम पत्नी इ तेज खान ने प्रधान पद पर कब्जा किया है। ग्राम पंचायत शाहबाजपुर में परमजीत सिंह ने 396 मतों से पूर्व प्रधान को राष्ट्रस्त करते हुए प्रधान पद हासिल किया है। ग्राम पंचायत बंजरिया में गुरदेव सिंह ने भारी मतों से जीत हासिल की है। सभी आंकड़े नेताओं ने मीडिया कर्मी के सामने बयां किए। हालांकि देर शाम तक मतगणना स्थल पर अधिकारी कुछ बताने की स्थिति में नहीं थे। इसको लेकर लोगों में भारी रोष देखा गया और प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए। निर्वाचन अधिकारी से लेकर स्थानीय अफसर भी मीडिया कर्मियों से बचते देखे गए। पंचायत बंजरिया में गुरदेव सिंह ने भारी मतों से जीत हासिल की है। सभी आंकड़े नेताओं ने मीडिया कर्मी के सामने बयां किए। हालांकि देर शाम तक मतगणना स्थल पर अधिकारी कुछ बताने की स्थिति में नहीं थे। इसको लेकर लोगों में भारी रोष देखा गया और प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए। निर्वाचन अधिकारी से लेकर स्थानीय अफसर भी मीडिया कर्मियों से बचते देखे गए। पंचायत बंजरिया में गुरदेव सिंह ने भारी मतों से जीत हासिल की है। सभी आंकड़े नेताओं ने मीडिया कर्मी के सामने बयां किए। हालांकि देर शाम तक मतगणना स्थल पर अधिकारी कुछ बताने की स्थिति में नहीं थे। इसको लेकर लोगों में भारी रोष देखा गया और प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए गए। निर्वाचन अधिकारी से लेकर स्थानीय अफसर भी मीडिया कर्मियों से बचते रहे।
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