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टाईगर रिर्जव में वन्यजीव को आहार देना होगा दण्डनीय अपराधः नवीन खण्डेलवाल

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पूरनपुर-पीलीभीत। मानव व वन्यजीव के बीच संघर्ष कम करने के लिए कानपुर से आये प्रशिक्षकों के साथ पीटीआर कर्मचारियों ने दो दिवसीय कार्यशाला में कौशल दिखाया और अभियान के दौरान बाघ पर काबू किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कई दर्जन लोग शामिल हुए।

प्रशिक्षण संस्थान कानपुर के नेतृत्व में माला रेंज, टाइगर रिजर्व में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। पीटीआर व वन एवं वन्यजीव प्रभाग में तैनात डिप्टी रेंजर, वन दरोगा , वन रक्षक, बाघमित्र व गांव वालों समेत करीब 40/50 लोगों को प्रशिक्षित किया। रेस्क्यू मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम में सहायक होगा। डीडी नवीन खण्डेलवाल ने दो दिवसीय प्रशिक्षण का समापन किया।
डीडी नवीन खण्डेलवाल ने प्रशिक्षण में शामिल कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए बताया कि टाइगर रिजर्व में मौजूद वन्यजीव की सुरक्षा ही नहीं, उत्तराखंड- शाहजहांपुर व लखीमपुर और नेपाल बॉर्डर पर मिलने वाले वन्य जीव को सुरक्षित रखना है। गांव से टाइगर दिखने की सूचना आए तो 3 दिन तक उस गांव में कर्मचारी गस्त व ट्रैकिंग करें। जंगल के आसपास के संवेदनशील 72 गांवों में रोजाना संबंधित रेंज के कर्मचारी जाकर पांच पांच लोगों से मिलें और ऐसे जागरूक लोग जो पढ़े लिखे हों उनको वन्यजीव व मानव मित्रता का पाठ पढ़ाये। उन्होंने कहा पिछले दिनों पूरनपुर क्षेत्र से सफलतापूर्वक एक टाइगर को रेस्क्यू किया था। प्रदेश में पीलीभीत टाईगर रिजर्व के अधिकारियों को सराह जा रहा हैं। रेस्क्यू में बाघ मित्रों को ग्रामीण बनाकर एक खेत के चारों ओर रस्सी का जाल डालकर सफल प्रयोग किया। रेस्क्यू में कानपुर से आए एसडीओ मनोज कुमार शुक्ला, उमेश चंद्र राय, प्रवीण खरे, ठाकुर अतुल सिंह, डॉ दक्ष गंगवार, नरेश कुमार, शशांक शर्मा, शेर सिंह, सोनी सिंह, मोहित सिंह, विशाल सिंह, सद्दीक मोहम्मद, अंकित कुमार, शैलेंद्र सिंह, जितेंद्र सिंह उपस्थित रहे।

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