कुरआन में संसोधन को लेकर याचिका दायर करने वाले वसीम पर कार्रवाई की मांग, फूंका पुतला
1 min readपूरनपुर-पीलीभीत। कुरआन में तब्दीली को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका पर मुस्लिम सामुदाय के लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। इसको लेकर सोमवार को मुस्लिम सामुदाय के लोगों ने पुतला फुंकते हुए राष्ट्रपति को प्रार्थना पत्र भेजा है। साथ उक्त वसीम रिजवी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
कुरआन में तब्दीली को लेकर वसीम रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए अयातों में फेरबदल करने की पैरवी की है। इसको लेकर मुस्लिम सामुदाय के लोगों में काफी आक्रोश फैला हुआ है। मुस्लिम लोगों का कहना है कि कुरआन-ए-पाक व सहाबा-ए-किराम का सबसे बड़ा दुश्मन है। कुरआन-ए-पाक में सभी लोगों के लिए रोशनी, हिदायत, हिकमत और शिफा है। यह किताब जिंदगी गुजारने का तरीक बताती है। उनका कहना है कि कुरान 14 साल पुरानी किताब हैख् आज तक किसी ने भी सबाल नहीं उठाया। लेकिन वसीम रिजवी ने कुरआन से 26 अयातों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर लोगों की भावनाओं को आहत किया है। वसीम रिजवी का कहना है कि इनके सहारे मदरसों में बच्चों को आंतकवाद के लिए प्रेरित किया जाता है जो गलत है। किसी भी खलीफा के ऊपर घटाने, बढ़ाने का इल्जाम कुरआन-ए-पाक, खलीफा और दीन-ए-इस्लाम की तौहीन है, जिसे कोई भी मुसलमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। इसको लेकर मुस्लिम सामुदाय के लोगों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए वसीम रिजवी का पुतला फूंका ओर राष्ट्रपति रामनाथ कोविद को पत्र भेजकर वसीम रिजवी को गिरफ्तार कर सख्त सजा दिए जाने की मांग की है। पुतला फूंकने वालों में बन्टू खां, शाहिद खां, इमरान खां, मोहम्मद आमिर रजा खां, मोलाना नेमत अली, कारी इरशाद आदि मौजूद रहे।
तहरीक -ए-मिन्हाज-ए-मुस्तफ़ा ने की बैठक
सुन्नी उ़लमा कौंसिल के महासचिव हाफिज़ नूर अहमद अज़हरी ने एक बैठक में कहा वसीम रिज़वी ने एक तरह से देश में रह रहे करोड़ो मुसलमानो की आस्था को ठेस पहुंचाई हैं, इस ज़ालिम के खिलाफ हुकूमत से कार्यवाही करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि दोबारा से फ़िरऔन शद्दाद और नमरूद भी पैदा हो जाएं या उनसे बड़ी कोई ताक़त आ जाए किसी की औक़ात नही कि क़ुरआन बदल दे। यज़ीद क़ुरआन की कुछ आयात बदलना चाहता था कर्बला में हज़रते हुसैन ने घर का एक एक फ़र्द क़ुरबान कर दिया मगर क़ुरआन के नुक़्ते पर आंच नही आने दी..! वसीम यह ख़ूब जानता है कि क़ुरआन की तौहीन मुसलमान बर्दाश्त नही करेगा। वह ख़ुद को शिया वक़्फ़ बोर्ड में किये घुटालों से बचने के लिए, आरएसएस और उसके मुस्लिम विरोधी रहनुमाओं को ख़ुश करने के लिए इस तरह़ की ह़रकतें कर रहा है। हु़कूमत के तमाम अफ़राद से अपील है कि देश मे शांति के लिए वसीम जैसे फाशिस्ट को उसके किये की सज़ा दी जाए। इस दौरान तहरीक के हाफिज़ मुतीब रज़ा ने उसके बयान की निंदा की हाफिज़ अजमल, हाफिज़ अरबाज़ क़ादरी, हाफिज फ़ारूक़ क़ादरी, हाफिज शफी अहमद , मौलाना रेहान , हाफिज़ शमशाद, हाफिज़ मोइन, हाफ़िज़ नाज़िम आदि मौजूद रहे