शादी में बैंड-बाजा या आतिशबाजी से मुसलमान करें परहेज
1 min readपूरनपुर-पीलीभीत। बरेली शरीफ की खानकाहे दरगाह ए आला हजरत के सज्जादा नशीन हजरत अहसन रजा कादरी ने डीजे, बैंड.बाजा समेत दहेज लेने की प्रथा पर पाबंदी की मुहीम छेड़ी है। शहर, गांवो में दौरा कर सामुदाय विशेष को जागरूक करने का काम किया जा रहा हैं। शेरपुर कलां में पहली बैठक हुई।
बीती रात्रि जामा मस्जिद पंहुचे हजरत अहसन रजा कादरी ने मुसलमानों से खिताब करते हुये कहा कि मजहब ए इस्लाम में सामाजिक बुराईयां बढ़ रही है, जैसे शादियों मे बैंड-बाजा, ढोल, ताशा, डीजे, आतिशबाजी, नाच गाना, दहेज की मांग व फिजुलखर्ची रिवाज आम हो रहे है। शेरपुर कलां, लोधीपुर बरेली शरीफ से पंहुचे सज्जादा नशीन ने गांव के मुस्लिमों व काजी मौलवियों से अपील करते हुए कहा, जिस शादियों में बैंड-बाजा डीजे आतिशबाजी हो उसका निकाह हरगिज न पढ़ाएं। देखा जा रहा है कि शादी के नाम पर गैर शरई कामों को अंजाम दिया जा रहा है। अहसन रजा कादरी ने कहा मुसलमान यह खुराफात बाले काम छोड़ कर बच्चो को दीनी और दुनियावी तालीम पर जोर देना चाहिये। मुसलमान दीनी काम को छोड़ कर गैर शरई कामों मे उलझता जा रहा है। उन्होने ने दहेज प्रथा व डीजे बैंड बजाने वालों का बायकाट करने के लिये कहा। मसले पर दरगाह ए आला हजरत पर क्षेत्र के काजी मौलवियों को बुलाकर एक बैठक की जाएगी। दहेज की नुमाइश पर भी रोक लगाने के लिये कहा गया है। सज्जादानशीन ने शेरपुर कलां की जिम्मेदारी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल मुस्तफा व मीनू बरकाती को सौप कर कहा गांव में किसी भी हालत में बैड-बाजा न बजे। उन्होने मुल्क में अमनो अमन चैन व तरक्की की दुआएं मांगी। कार्यक्रम में हज़रत के साथ सय्यद फैज़ान नुरी, मौलाना बशीरुल कादरी शाहिद खा नूरी, औरंगज़ेब खां नुरी, परवेज़ खा नुरी खादिम मन्ज़ूर रज़ा खान, मौलाना आमिर, मौलाना अलीजान, हाफिज नूर अहमद अजहरी, मौलाना हशमत, साजिद रजा, मीनू बरकाती, हाफिज अरशद, दिलशाद, नदीम, जीशान, नईम, युनूस, सोनू, विक्की, असलम कुरैशी, हाजी रियाजतनूर, तकी खां, माजिद खां, अनीस, सलमान, सोहल, समद, नदीम हसन, सुराज खां, जैगम खां, शाहरूक बेग, तकदीर हसन शोबी, आदि मौजूद रहे।